सबसे पहले आते हैं अक्षर
अक्षर गढ़ते हैं शब्द
शब्द से बनते है वाक्य
वाक्य बनाते हैं पृष्ठ
पृष्ठों से बनते हैं अध्याय
अध्याय मिलकर लेते हैं आकार पुस्तक का
अचानक आता है एक शीर्षक
किसी सामंत की तरह
मिट जाती है सबकी पहचान
सब जाने जाते हैं उस शीर्षक से।
आप चाहे जितना कहें कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। इसमें खुशी कैसी और ग़म कैसा। लेकिन सच ये हैं कि अपनी टीम की जीत आपको ...