Saturday 11 March 2017

खेल और राजनीति

             


                   खेल अपनी अविश्वसनीयता की हद तक असीम संभावनाओं और घोर अनिश्चितता के कारण ही रोचक,रोमांचक और खूबसूरत हैं।8मार्च की रात को बारसेलोना के कैंप नोउ स्टेडियम में एफसी बारसेलोना के खिलाड़ी एक अविश्वसनीय संभावना को संभव बना रहे थे। वे पेरिस सेंट जर्मैन से पहले चरण का मैच 4-0 से हार चुके थे और इस प्रतियोगिता में इतने बड़े अंतर से कोई पार नहीं पा पाया था। लेकिन यहां वे  6-1 से जीत दर्ज कर इतिहास रच रहे थे।
                ऐन  प्रेम और मोहब्बत के दिन 14 फरवरी को विश्व के सबसे सुन्दर शहर और फैशन की राजधानी तथा प्रेमियों के लिए स्वर्ग माने जाने वाले पेरिस शहर के 'पार्क डेस प्रिन्सेस' फुटबॉल स्टेडियम में पीएसजी की टीम ने विश्व के सबसे शक्तिशाली फुटबॉल क्लब बारसेलोना को 4 -0 से रौंदकर विश्व भर के फुटबॉल प्रेमियों को हतप्रभ कर दिया था। ये एक महज संयोग ही है 'पार्क डेस प्रिन्सेस' से कुछ ही दूरी पर लाल बजरी वाला 'रोलां गैरों' का टेनिस कोर्ट है जो स्पेन के ही राफेल नडाल को लगभग अपराजेय बनाते हुए उसे नौ ग्रैंड स्लैम खिताब जीताकर उसका नाम टेनिस के महानतम खिलाड़ियों में दर्ज कराता है और यहाँ 'प्रिंसेस पार्क' स्पेन के ही विख्यात बारसेलोना फुटबॉल क्लब के गौरव को धूल धूसरित करता है। बार्सेलोना का कोच लुईस एनरिक का ह्रदय तार तार विदीर्ण हो जाता है।हार का ठीकरा उसी के सर फूटता है। इस हार से उसका दिल टूटता ज़रूर  है।पर वो फ्रांस की धरती से एक सबक लेकर लौटता है,महान सेनानायक नेपोलियन के देश से जिसने दुनिया को सबसे आशावादी सूत्र दिया 'असंभव शब्द उसके शब्दकोष में नहीं' है।वो इस सूत्र को गुनता है। वो आत्मविश्वास से भर जाता है। ठीक 22 दिन बाद 8 मार्च को दूसरे चरण के मैच से पूर्व एनरिक पूरे आत्मविश्वास से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहता है यदि कोई टीम हम पर 4 गोल कर सकती है तो हम उस पर 6 गोल ठोक सकते हैं। बावज़ूद इसके कि फ्रांस की नंबर एक टीम ने ना केवल उसकी टीम को धो डाला था बल्कि ये भी कि पीएसजी की टीम पिछले 16 मैचों से अपराजेय थी। इन 16 मैचों में से केवल दो मैच उसने ड्रा खेले और 14 जीते थे। और ये भी कि इस सीजन के किसी भी मैच में उसने 4 गोल नहीं खाये थे।  
                             एनरिक ने पहले चरण की गलतियों से सबक लेते हुए रणनीति बदली।उसने मिडफील्ड को मज़बूत किया और 4-3-3 के फॉरमेशन को 3-4-3 में तब्दील किया। मिडफील्ड को मज़बूत करने से ना केवल आप अपने फॉरवर्ड्स को गोल पर आक्रमण के लिए लगातार बॉल मुहैया करा सकते हो बल्कि अपने रक्षण को वल्नरेबल होने से भी बचा सकते हो विशेष रूप से प्रतिआक्रमण से जैसा कि वे पहले चरण में नहीं कर सके थे। खेल के पहले ही हाफ में तीन गोल करके एनरिक की बारसेलोना ने इरादे जता दिए थे। अभी जीतने के लिए दो गोल ज़रूरी थे। इस बीच कवानी ने एक गोल कर स्कोर 3 -1  कर दिया। रेगुलर समय के 2 मिनट शेष  थे। अभी भी बारसिलोना को 3 गोल की आवश्यकता थी। एनरिक का कथन किसी हास्यास्पद गर्वोक्ति सिद्ध होने वाला ही था कि उन दो मिनटों में नेमार जूनियर ने दो गोल करके असंभव को रचने की ज़मीन तैयार कर दी और फिर इंजरी टाइम में 95वें मिनट सर्गियो रोबर्टो ने गोल कर उसकी इबारत को पूरा कर दिया। फुटबॉल इतिहास की नयी इबारत लिखी जा चुकी थी। चैंपियंस लीग के इतिहास में 1990 -1991 से शुरू हुई नॉक आउट मैचों में दो चरण में निर्णय होने की व्यवस्था लागू होने के बाद से पहले चरण में इतना बड़ा अंतर कोई भी टीम जीत में तब्दील नहीं कर सका थी।बार्सिलोना ने ये चरण 6-1 से जीत कर ये टाई 6-5  से जीत ली। 
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8 मार्च को जब बार्सिलोना की टीम खेल इतिहास की एक नयी इबारत रच रही थी उसी दिन उत्तर प्रदेश के मतदाता 2017 के आमचुनाव के अंतिम चरण के लिए मतदान कर रहे थे। क्या राजनीति भी खेलों की तरह इतनी अनिश्चित संभावनाओं से भरी होती है या ये कि राजनीति भी महज एक खेल है 




















  

ये हार भारतीय क्रिकेट का 'माराकांजो' है।

आप चाहे जितना कहें कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। इसमें खुशी कैसी और ग़म कैसा। लेकिन सच ये हैं कि अपनी टीम की जीत आपको ...